कुशीनगर में सपा नेता चला रहा था जाली नोटों का कारखाना, लाखों की नकली करेंसी का जखीरा मिला

Fake Note Dealer Kushinagar

Fake Note Dealer Kushinagar

कुशीनगरः Fake Note Dealer Kushinagar: पुलिस ने इंटरनेशनल जाली नोटों का कारोबार करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. इस गैंग के 10 शातिर आरोपियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही 5 लाख 62 हजार की जाली नोटों के साथ 10 तमंचे और चार सुतली देशी बम के इलावा दो लग्जरी गाड़िया और अन्य समान बरामद किया है. बताया जा रहा है कि जाली नोटों का कारोबार सपा का नेता चला रहा रहा था. पुलिस के मुताबिक इस गिरोह का संचालन समाजवादी लोहिया वाहिनी का मोहम्मद रफीक अहमद कर रहा था.

पुलिस अधीक्षक कुशीनगर संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि थाना तमकुहीराज, थाना तरयासुजान, थाना सेवरही और साईबर पुलिस की टीम को जाली नोट की खपत करने और अन्य आपराधिक गतिविधियों में लिप्त गैंग को पकड़ने में सफलता हासिल हुई है. पुलिस टीमों द्वारा सघन चेकिंग करते हुए हूबहू असली नोट जैसे भारतीय करेंसी में मिलाकर लेन-देन करने वाले और जाली नोटों की खरीद फरोख्त करने वाले गैंग का खुलासा किया है.

तुमकहीराज निवासी मोहम्मद रफीक उर्फ बब्लू खान, मोहम्मद रफी अंसारी, रेहान खान, हासिम खान, शिराज हसमती, औरंगजेब उर्फ लादेन, नौशाद खान, परवेज इलाही, शेख जमालुद्दीन और नियाजुद्दीन उर्फ मुन्ना को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. रफीक अहमद पर जिले के विभिन्न थानों पर 11 अपराधिक मामले दर्ज हैं. गिरोह के अन्य सदस्य औरंगजेब उर्फ लादेन पर 8, नौशाद खान पर 4, परवेज इलाही पर 8, शेख जमालुद्दीन पर 4 और नियाजुद्दीन उर्फ मुन्ना पर भी कई मुकदमे दर्ज हैं. इन सभी के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी.

एसपी ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से 5 लाख 62 हजार की जाली नोट, 1 लाख 10 असली नोट, नेपाल के 3 हजार रुपये, 10 तमंचे 315 बोर, 30 जिंदा कारतूस, 12 खोखा कारतूस, 4 सुतली देशी बम, 13 मोबाईल फोन के साथ 26 फर्जी सिम, 10 फर्जी आधार कार्ड, 10 एटीएम कार्ड व 8 लैपटाप व 2 लक्जरी चार पहिया वाहन बरामद किया है. आरोपियों के खिलाफ थाना तमुकहीराज में मुकदमा दर्ज किया गया है. इस गिरोह के सदस्यों का नेपाल आना जाना भी होता था. गिरोह के सदस्यों का पॉलिटिकल कनेक्शन भी सामने आया है, जिसकी जांच की जा रही है.

एसपी ने बताया कि आरोपियों का एक संगठित गिरोह है. जो काफी दिनों से जाली नोटों को असली नोटों के साथ मिलाकर खपत करते थे. इसके साथ ही विवादित जमीनों को असलहों व विस्फोटकों के बल पर को डरा धमकाकर खरीदकर उसपर कब्जा कर लेते थे. फिर उसी जमीनों के ऊंचे दामों में बेचकर अवैध धन अर्जीत करते हैं.

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